हमें भी मोहब्बत हो गया !
सुई ने धागे से रिश्ते जोड़ा ,
कपडे के टुकड़े पर घर बसाया ,
घर दोनों का लिबास हो गया।
जब भौरों ने फूलों से इश्क़ जताया ,
प्यार उनका मीठा शहद हो गया।
बादलों ने जब ठंडी हवाओं से हाथ मिलाया ,
रिश्ता उनका बारिश हो गया।
बारिश ने जब धरा को चूमा ,
सुखी खेतों में फसल हो गया।
देख कर इश्क़ का ये खेल सारा ,
हमें भी तुझ संग इश्क़ हो गया।